ALL >> Dating-Love-Romance >> View Article
Padosan Ki Kari Chudai
(Padosan ki kari chudai) पड़ोसन की घर पर चुदाई
(Padosan ki kari chudai) मेरा नाम रोहित सांगवान है, मैं हरियाणा के सोनिपत का रहने वाला हूं । मैनें इंजीनियरिंग की हुई है और इसी वजह से मुझे गुड़गांव में एक विदेशी कंपनी में नौकरी मिली है । वैसे मैंने यहीं गुड़गांव में एक कमरा किराए पर लिया हुआ है और मैं सोमवार से शुक्रवार यहीं रहता हूं । शुक्रवार शाम को सीधे ऑफिस से सोनिपत के लिए निकल जाता हूं और फिर शनिवार और रविवार घरवालों के साथ ही बिताता हूं ।
मेरे पिताजी किसान हैं ...
... और हमारी गांव में बहुत खेती-बाड़ी है ।
पिताजी नहीं चाहते थे कि मैं भी किसान बनूं इसलिए उन्होनें मुझे चाचाजी के पास फरीदाबाद भेज दिया था और मेरा स्कूल-कॉलेज सब वहीं हुआ । लेकिन पढ़ाई पूरी करने के बाद से मैं मम्मी-पापा के साथ ही रहता हूं और अब नौकरी लगने की वजह से मैं गुड़गांव ही रहता हूं और बाकि दो दिन घर पर बिताता हूं । अबकी बार जब घर गया तो देखा हमारे साथ वाली खाली पड़ी ज़मीन पर मकान बनना शुरु हो गया है और एक सरकारी गाड़ी खड़ी है ।
मैनें पापा से पूछा – मकान बन रहा है या कुछ और ?
पापा – नहीं, मकान ही बना रहे हैं ।
मैनें कहा – कौन बनवा रहा है ?
पापा – दिल्ली से कोई आए हैं, आईएएस अफसर हैं । रिटायर होने के बाद अब यहीं मकान बनाकर रहेंगे ।
मैनें ज्यादा ध्यान नहीं दिया और बात भूल गया ।
मैं वापस गुड़गांव आ गया और ऑफिस में काम करने लगा । अब दिसंबर का महीना आ गया था और दिसंबर आते ही चुदाई की प्यास बढ़ जाती है और हवस को बुझाने के लिए मुठ मारने के अलावा कोई और तरीका नहीं होता । मैं बहुत दिनों से कोई गलफ्रेंड बनाना चाहता था ताकि रातों की प्यास बुझाने का सामान मुझे मिल सके और मैं अपने जिस्म की सुलगती आग को ठंडा कर सकूं ।मैं ऑफिस में लड़कियों के पास रहने की हर कोशिश करता हूं लेकिन सब लड़कियों को किसी न किसी लड़के ने फंसा रखा है ।
इसके अलावा कई के पास दो या तीन भी हैं ।
लड़कियों के पास कभी भी लड़कों की कमी नहीं होती । मेरी यही कोशिश होती कि किसी तरह किसी एक को पटा लूं और फिर अगर एक बार बात शुरू हो गई तो घुमाते-फिराते हुए एक दिन में मैं उसे अपने रूम में ले आता हूं और दारू पार्टी के बाद जी भर के चुदाई करता हूं । उस वक्त तक मैं लड़की को इस कदर पागल कर देता हूं कि वो मेरे लंड पर बैठने के लिए बेताब हो जाती है और उसे मेरे लंड की सवारी किसी भी हालत में करनी होती है ।
लेकिन ऑफिस में फिलहाल ऐसी कोई लड़की नहीं थी जो मेरे चुंगुल में फंसे,
सबको ऑफिस के लड़कों ने ही पटा कर रखा हुआ था और ऑफिस खत्म होने के बाद सब कहीं न कहीं चले जाते थे और रात भर लड़कियों कि चूत मारते थे । लड़कियों को भी खर्चे से मतलब था, उन्हें भी पूरी तरह चुदाई करवाने में बहुत मज़ा आता था और अब ये उनके लिए कोई बहुत बड़ी बात नहीं थी । दिसंबर का ठंडभरा महिना शुरु हो गया था और ऑफिस के लोग अपनी प्यास दारू और लड़कियों को चोद कर बुझा रहे थे ।
ऑफिस में एक से बढ़कर माल लड़की थी,
किसी के चुच्चे कसे और भारी थे तो किसी की गांड एकदम टाइट । कईं बार तो मैनें ऑफिस के अंदर साथियों को चुदाई करते हुए देखा है और ये सब देखकर मेरे अंदर चुदाई की प्यास बढ़ जाती लेकिन क्या करता । घर आकर अकेले में ऑफिस की लड़कियों को सोचकर मुठ मार लेता । शुक्रवार आ गया और आज मैंने ऑफिस की छुट्टी ले रखी थी इसलिए सुबह होते ही मैं घर के लिए चल निकला ।
जैसे ही घर पहुंचा देखा पड़ोस वाली ज़मीन पर बनने वाला मकान काफी हद तक बन चुका था,
मैनें पापा को प्रणाम करके पूछा – अरे अभी महिने भर पहले तो यहाँ काम शुरु हुआ, इतनी जल्दी बिल्डिंग भी खड़ी कर दी । लगता है काम बहुत तेजी से हो रहा है ।
पापा ने कहा – हां, ये लोग जल्दी शिफ्ट होना चाहते हैं
मैनें कहा – अच्छी बात है । तभी मैंने देखा कि एक गाड़ी आकर रूकती है, उसमें से एक अंकल, आंटी निकलते हैं और उसके बाद निकलती है एक जवान और हसीन खूबसूरत लड़की ।
उसे मैं देखता ही रह गया । (Padosan ki kari chudai)
उसने टी शर्ट पहनी हुई थी और नीचे छोटी सी स्कर्ट । उसकी टांगे और जांघे इतनी गोरी और भरी हुई थी कि मैं उसकी टांगों को ही देखता रह गया । तभी मैनें देखा कि वो तीनों मेरे और पापा के पास आ रहे हैं । मैनें फौरन नज़र इधर-उधर की और वो आकर हमसे बोले – ये आपका घर है ?
पापा ने जवाब दिया – जी, मेरा नाम सुभाष सांगवान है ।
उन्होनें अपने बारे में बताया – नमस्ते जी, मेरा नाम विनय माथुर है, ये मेरी पत्नी और वो बेटी है । हम लोग यहाँ मकान बनवा रहे हैं ।
पापा ने कहा – जी, आप अंदर क्यों नहीं आते, आइए ।
उन्होंने कहा – अरे नहीं, इसकी कोई ज़रूरत नहीं है, हम ठीक हैं ।
लेकिन पापा ने जबरदस्ती कहा – नहीं ऐसी कोई बात नहीं है आप आइए ।
जब पापा ने बार-बार कहा – तो फिर वो हंसे और अंदर आए ।
मैं फौरन ऊपर अपने कमरे में चला गया । मम्मी उनके लिए कॉफी और चाय ले आई और पापा ने कहा – ये मेरी पत्नी है और वो जो खड़ा था वो मेरा बेटा है ।
उन्होनें कहा – घर तो आपने काफी अच्छा बनाया है ।
पापा ने कहा – जी बस, थोड़ा ऐसे ही ।
फिर पापा और माथुर अंकल बातों में लग गए और मम्मी उनकी आंटी के साथ बातें करने लगी ।
लेकिन अभी तक अंकल ने अपनी बेटी का नाम नहीं बताया था । मैं इसी इंतज़ार में था कि वो उसका नाम बताएं और मैं उसे फेसबुक और इंस्टाग्राम में देखूं क्योंकि सरनेम तो मुझे पता चल चुका था । थोड़ी बातचीत के
पापा ने कहा – ये बिटिया है आपकी ।
माथुर अंकल ने कहा – जी
पापा ने पूछा – बेटा क्या नाम है तुम्हारा और क्या करते हो ?
उसने कहा – प्रिया नाम है मेरा और मैं प्राइवेट जॉब करती हूं ।
बस मैनें फौरन उसे ढूंढना शुरु कर दिया और वो मुझे मिल गई ।
अपनी आईडी ओपन की हुई थी इसलिए मुझे आसानी से फोटो देखने और जानकारी लेने में दिक्कत नहीं हुई । फिर माथुर अंकल चले गए और कहा, हमें बहुत अच्छा लगा कि हमारे आप जैसे पड़ोसी हैं । कभी कोई मदद चाहिए होगी तो बताएंगे आपको ।
पापा ने हंसते हुए कहा – जी बिल्कुल, पड़ोसी किस दिन काम आएंगे ।
अब मैं चुपचाप बस इंतज़ार करने लगा । अगले दो महिनों में उनका मकान बनकर तैयार हो गया और वो यहाँ शिफ्ट हो गए । पहले से जानने के कारण उन्होंने हमें भी अपने हवन में बुलाया था लेकिन मैं नहीं गया मैं अपने ऊपर वाले घर पर ही बैठा रहा । अब मैं जानता था कि यहाँ तो कोई जॉब नहीं है, प्रिया भी गुड़गांव ही करती होगी, बस ये देखना था कि वो मेरी तरह घर आती-जाती रहती है या वहीं रहती है । अब मैं रोज़ सुबह छत पर आता तो मुझे प्रिया दिख ही जाती लेकिन हम एक दूसरे को इग्नोर ही करते लेकिन चोरी-छुपे नज़रों से देखते । (Padosan ki kari chudai)
जब कुछ दिनों तक यूं ही चलता रहा तो मैं उदास हो गया और मुझे लगा कि प्रिया को भी मुझमें कोई इंटरेस्ट नहीं है
लेकिन एक दिन जब मैं सुबह छत पर एक्सरसाइज़ कर रहा था तो मुझे फोन पर प्रिया की रिक्वेस्ट आई और वो छत पर भी आ गई । मैनें चोर नज़रों से पहले ही उसे देख लिया और इसलिए फोन की तरफ देखा ही नहीं और लगातार एक्सरसाइज़ करता रहा । क्योंकि मैं ये जान चूका था कि वो मेरी तरफ आकर्षित हो चुकी है लेकिन मुझे लगा कि वो मुझे नोटिस नहीं करती । आग दोनों तरफ बराबर लगी हुई थी और अब मौका था खेल में बाज़ी मारने का । थोड़ी देर बार जब मैं छत पर पसीना पोछने लगा तो प्रिया ने मुझे देखा और मैनें उसे और वो हंसी तो मैं भी हंस गया ।
मैनें फोरन हाथ हिला दिया और हाय कहा, उसने भी हाथ हिलाकर हाय करके इशारा दिया ।
आज वो बहुत सेक्सी लग रही थी । उसने चूचों पर टाइट पीली टीशर्ट पहनी हुई थी और नीचे काली लेगिंग्स, जिसमें उनकी टांगे और जांघों की पूरी शेप दिख रही थी । उसकी गांड पूरी तरह कसी हुई और नाभि गोरी थी । चूचे जैसे फटने को बाहर आ रहे थे । मैं उसे देख रहा था और वो मुझे । मैनें कमरे में जाकर उसकी फ्रैंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली ।
(Padosan ki kari chudai) अब हम दोनों के बीच बात करने की वजह भी थी और आकर्षण भी ।
प्रिया मेरे गठीले जिस्म पर फिदा हो चुकी थी और पिछले दो साल से वो सिंगल थी । दो साल से वो एक ऐसे लड़के की तलाश में थी जो उसकी तरह हो । एकदम प्यासा और आवारा । हम दोनों के बीच बातें होना शुरु हुई और बातें धीरे-धीरे जिस्म की आग को भड़काने लगी । उधर प्रिया अपनी चूत में उंगली देकर मेरे लंड की फोटो देख रही थी और इधर मैं उसके चूचे, चूत और गांड को देखकर हर रात लंड हिला रहा था । मैनें उससे कहा कि मुझे चूत को रगड़ती हुई वीडियो भेज । उसने मुझे अपनी गरमा गरम वीडियो भेजी जिसमे वो चूत में उंगली देकर मदहोश हो रही थी । मैनें दिन-रात उसे देखकर मुठ मारी ।
अब हम दोनों के बीच बातों का यह सिलसिला काफी हद तक आगे बढ़ चुका था
और अब प्रिय मेरे लंड की सवारी करना चाहती थी और मुझसे झटके खाने को वो बेताब थी । मैं भी उसकी चूत फाड़ने और उसकी चूत को गीला करने को बेताब हो चुका था और हमारे बीच में बस दिन तय होना था और वो मौका भी हमको मिल गया । प्रिया के मम्मी पापा एक शादी में फरीदाबाद जाने वाले थे और वो अगले दिन आएंगे । प्रिया पूरी रात खाली थी, मैनें घरवालों से कहा कि मैं ऑफिस के काम से गुड़गांव जा रहा हूं लेकिन मैं प्रिया के घर घुस गया । (Padosan ki kari chudai)
मैनें नज़रें बचाकर प्रिया के घर के पीछे के रास्ते घर में घुसा ।
प्रिया मुझे पीछे वाले दरवाज़े में लेने आई थी, जैसे ही मैं अंदर घुसा उसने जल्दी से दरवाज़ा बंद कर दिया । मैं उसकी तरफ पलटा और उसे देखा तो मैं थोड़ा थम सा गया और उसे देखता ही रह गया । उसने टॉप और काले रंग की शॉर्ट्स पहनी हुई थी और वो गज़ब की माल लग रही थी । मैं बता नहीं सकता मेरे लंड ने तभी से सिग्नल देने शुरू कर दिए थे लेकिन मैनें कंट्रोल किया और वो मेरी तरफ देख रही थी और उसने मुझे एक शरारत भरी स्माइल देते हुए कहा – अब चलो अंदर ।
वो मुझे अंदर अपने बैडरूम में ले गई और उसने मुझसे कहा कि वो मेरे लिए पानी लेकर आ रही है ।
जब मैं उसके कमरे में घुसा तो उसके रूम में फैली उसकी खुशबू ने मुझे पागल कर दिया । हर तरफ उसकी महक थी । मेरा सब्र टूट रहा था, वो गिलास में पानी लेकर आई । गिलास से पानी पीते-पीते मैनें प्रिया को देखा तो वो मेरे होठों को ऐसे देख रही थी जैसे उन्हें आज खा जाएगी । मैनें जैसी ही ग्लास मुंह से हटाया अचानक प्रिया ने मेरे चेहरे को पकड़ा और अपने गुलाबी और गरम होंठ मेरे होठों पर रख दिए और उन्हें चूसने लगी । और मेरे होटो पे बचा पानी पी गयी और मुझे सेक्सी बोल कर आँख मारी और बोली बैठो में आती हूँ…
10 मिनट बाद वो मुझे आवाज देती है. वो मुझे आवाज़ दे रही थी रोहित ज़रा इधर आना तो, मैं उसकी आवाज़ की तरफ जाने लगता हूं । मैनें देखा वो हॉल में सोफे पर बैठे मेरा इंतज़ार कर रही है और उसने काले रंग की नाइटी पहनी हुई है । उसकी ब्रा और पैंटी मुझे साफ-साफ दिख रही थी । उसने अपनी उंगली से मुझे इशारा किया और कहा – इधर आओ ना….. (Padosan ki kari chudai)
मैं उसे देखकर मदहोश हो गया था और मेरे दिल की धड़कने तेज़ हो गई थी ।
मैं उसकी तरफ धीरे-धीरे बढ़ रहा था और अपने बस से बाहर हो गया और मैनें प्रिया की जांघें पकड़ ली । उसका गोरा बदन मुझे पागल कर रहा था । मैं उसके करीब था फिर मैं अपने घुटनों के बल पर खड़ा हो गया और उसे कमर से पकड़ लिया । मैनें उसे अपनी ओर खिंचा और उसने भी अपने दोनों हाथ मेरे गले पर रख दिए और वो धीरे-धीरे मेरी तरफ खीचें चले आने लगी । मेरे और उसके बदन के रौंगटे खड़े हो गए । मैनें उसे चूमा और सिसकियां भरते हुए उसने अपनी आंखें बंद कर ली ।
Hindi sex story
hindi romantic story writter
Add Comment
Dating/Love/Romance Articles
1. Best Call Girls In Bangalore For Trusted And Discreet ExperiencesAuthor: thebangloregirls
2. How Is The Submarine Cable System Market Powering The Future Of Connectivity?
Author: komal
3. Why Is Demand Increasing For Hazardous Area Equipment Across Sectors?
Author: komal
4. Why Are Drone Data Services Becoming Essential For Modern Businesses?
Author: komal
5. How Is The Transcriptomics Market Advancing Gene Expression Research?
Author: komal
6. What Is Driving The Rising Adoption Of Rapid Testing Solutions?
Author: komal
7. How Is The Precision Medicine Market Revolutionizing Healthcare?
Author: komal
8. What Factors Are Fueling Growth In The Independent Software Vendors Market?
Author: komal
9. How Are Cardiac Rhythm Management Devices Evolving To Improve Patient Outcomes?
Author: komal
10. Health & Fitness Boom Drives Expansion Of The Global Whey Protein Isolates Market
Author: komal
11. Advancements In Diabetes Care Support Growth Of The Global Sulfonylureas Market
Author: komal
12. Digital Branding Boom Fuels Momentum In The Global Sports Graphics Market
Author: komal
13. Understanding The Purpose Of Couples Counselling
Author: Talking Counselling
14. Chatmatch
Author: james
15. Why Do You Need A Best Temecula Or San Diego Wedding Photographer?
Author: Nataliabell






