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डे केयर का चुनाव कैसे करे |

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By Author: UC Kindies International Preschool Indore
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आजकल कामकाजी महिलाओं के लिए अपने बच्चों की देखरेख करना एक बड़ी चुनौती होती है। कामकाजी महिलाएं अपने बच्चे को लेकर चिंतित रहती है की उनके बच्चे की देखभाल और खानपान कैसे होगा और समग्र विकास जैसे बौद्धिक और शारीरिक विकास भी सही तरह से हो पाए। |

जब हमारे बच्चे के लिए एक डेकेयर चुनने की बात आती है, तो हमें अपने फैसले के बारे में सुनिश्चित होना चाहिए और कोई गलती न करे । अपने बच्चे के लिए एक डेकेयर सिर्फ एक जगह नहीं है जहां आप अपने बच्चे को देखभाल ...
... के लिए भेजते हैं। बच्चों की अच्छी देख-रेख के लिए डे-केयर उनके काम आते हैं। पर डे-केयर का सहारा लेने से पहले अकसर ही लोगों को असमंजस का सामना करना पड़ता है। खुद से दूर बच्चे को दिन भर के लिए अनजान हाथों में सौंपना आसान तो नहीं होता। अपने बच्चे के लिए डे-केयर का चुनाव करते वक्त किन-किन बातों का ध्यान रखें, आईये जानते हैं –

खुद पर करें भरोसा:

आप मां हैं और अपने बच्चे के लिए बेहतर ही सोचेंगी। इस बात को आपसे ज्यादा अच्छी तरह से और कोई नहीं जानता। आप खुद की इस सोच पर पूरा भरोसा रखें। बच्चे के पालन-पोषण और खुद के सपनों को पूरा करने के लिए किसी की मदद लेना गलत नहीं है। बच्चे के लिए आपका ये निर्णय वैसा ही है, जैसा उसको किसी स्कूल में भर्ती कराना।

उम्र का रखें ध्यान

डे-केयर सेंटर से ज्यादा जरूरी है आपका बच्चा। जल्दबाजी न दिखाएं। बच्चे को मां और बाहर की दुनिया पहचानने का मौका दें। यह पहचान उसे डेढ़ साल की उम्र तक में हो जाती है। बच्चे को इसके बाद ही डे-केयर में डालें। डे-केयर सेंटर में अपने बच्चे को छह साल की उम्र तक ही रहने दें। इसके बाद उसे डे-बोर्डिंग में डालना बेहतर रहता है। इससे आपका बच्चा अनुशासित बनता है।

प्रतिष्ठित संस्था (डेकेयर) का चुनाव :

अगर आप कामकाजी महिला है तो आप अपने बच्चे के स्कूल में, या ऑनलाइन सामाजिक समूहों पर बात करके अपने आस पास के अच्छे डेकेयर केंद्रों का पता लगाएं। हमेशा दोपहर या शाम के समय (आमतौर पर डेकेयर जाने आने का समय) के दौरान उन अन्य अभिभावकों से बात करें, जिनके बच्चे डेकेयर में हैं, इसलिए वे आपको इस बारे में उचित विचार दे सकते हैं कि डेकेयर सेंटर कैसे संचालित होता है और क्या क्या सुविधाएं उपलब्ध है। आप खुद भी डेकेयर देख सकती है | अधिकांश डेकेयर केन्द्रो के पास फेसबुक पेज भी हैं जहां आप सुझाव के लिए उन अभिभावकों से बात कर सकते हैं।

जब सवाल हो सुरक्षा का :

डेकेयर का चुनाव करने में आपको उसी तरह पेश आना होगा, जैसे आप बच्चे के लिए किसी स्कूल का चुनाव करेंगी। डेकेयर की दिनचर्या जानना, वह काम करने वालों की योग्यता आदि की पुष्टि करना, डेकेयर की लोकप्रियता, वहां होने वाली तरह-तरह की गतिविधियों जैसी तमाम बातों पर संतुष्ट होने के बाद ही इस मामले में अंतिम निर्णय लें। कुछ और बातें भी डे-केयर में बच्चे की सुरक्षा के लिहाज से जरूरी हैं। सुरक्षित परिसर, स्वच्छ खानपान, आपातकालीन सुविधाएं और सीढ़ियों, जैसी बातों को सुनिश्चित करें। साफ- सफाई पर ध्यान दें। डे-केयर पंजीकृत है या नहीं, यह जांचें। बच्चों की संख्या के अनुसार स्टाफ देखें। बच्चे अगर बहुत छोटे हैं तो 3 या 4 बच्चों पर एक देखभाल करने वाला होना चाहिए। डे-केयर में प्ले ग्राउंड की व्यवस्था के साथ ही यह भी देखें कि वहां बच्चों के लिए कई तरह की गतिविधियां उपलब्ध हों। वहाँ का अनुशासन क्या है यह पता लगाएं कि वे कितने अनुशासित हैं। क्या वे नियमों का पालन कर रहे हैं? क्योकि आपके बच्चे की सुरक्षा सवाल है | आपके बच्चे की सारी सुरक्षा की जिम्मेदारी उनकी ही है इसलिए उनके नियम भी सुनिश्चित करे |

खाद्य और पेय पदार्थों की जाँच करें:

डे केयर में, जहां दिन का भोजन दिया जाता है, भोजन के बारे में की वो कितना शुद्ध है, इस पर सवाल पूछें। क्या वे जंक फूड को प्रतिबंधित करते हैं? क्या वे आपको पौष्टिक भोजन भेजने के लिए प्रोत्साहित करते हैं? क्या भोजन को परिसर में एक बुनियादी स्वच्छ रसोई में पकाया जा रहा है या वे बाहर से खाना ला रहे हैं। इसके अलावा, एक सप्ताह के भोजन योजना की जांच करें ताकि यह पता चल सके कि वे वहां के बच्चों के लिए दैनिक और साप्ताहिक भोजन क्या है |

शिक्षक-बालक अनुपात:

विचार करने के लिए एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि शिक्षक अनुपात क्या है? यदि संभव हो तो आप उनसे भी मिलने की कोशिश कर सकते हैं, उनके साथ बातचीत कर सकते हैं और देख सकते हैं कि क्या आपको लगता है कि आपका बच्चा वहां सहज होगा। आदर्श रूप से 12-15 प्री-स्कूलर्स के एक समूह को उन्हें प्रबंधित करने के लिए 2 शिक्षकों और 2 सँभालने वालो की आवश्यकता होती है।

गतिविधियाँ योजना :

पता लगाएँ कि डेकेयर में किस तरह की गतिविधियाँ होती हैं? क्या उनके पास बहुत सारी शारीरिक और मानसिक गतिविधियां, कहानी और कविताओं की गतिविधियों के लिए कार्यक्रम हैं | आप केंद्र प्रबंधकों से इस बारे में सीधे पूछ सकते हैं। वे आपके साथ एक समय सारिणी साझा करने में सक्षम होंगे। परिसर में होने वाली और परिसर के बाहर होने वाली गतिविधिया जैसे भ्रमण, चिड़ियाघर, बाग़ बगीचे की सैर आदि |

बोर्ड और प्रबंधन:

पता लगाएँ कि क्या डेकेयर एक बोर्ड / ट्रस्ट / फाउंडेशन द्वारा या केवल व्यक्तियों द्वारा चलाया जा रहा है। डे केयर कितना प्रतिष्ठित और पहचाना हुआ है | सुरक्षा भावना से देखे तो वह पर सुरक्षा के नियम और साधन क्या क्या हैं। जो आपके बच्चे के लिए आपातकालीन स्तिथि में जरुरी हो सकते है |

स्वच्छता :

ऐसा डेकेयर चुनें जिसमें अच्छा वातावरण हो। परिसर में साफ सफाई की गुणवत्ता, फर्नीचर, वॉशरूम आदि पर ध्यान दिया जाता हो।

क्या आपका बच्चा डे केयर में वास्तव में खुश है।:

कई बार माता-पिता महत्वपूर्ण बातों को ध्यान देना चाहिए क्योंकि कुछ ऐसे बिंदु है उन्हें समझने की जरुरत है|

डे केयर में आपका बच्चा कितना घुलमिलकर दूसरे बच्चो के साथ रहता है | खेल – खेल में दूसरे बच्चो के साथ किस तरह का व्यवहार करता है या आपका बच्चा ज्यादातर अकेले में रहना पसंद करता है और बहुत कम बोलता है, कुछ खाने पीने में असहज महसूस करता है | डे केयर वापस जाने में उसे हिचकचाहट होती है | तो ये सब बातें आपको चिंता में डाल सकती है इसका मतलब आपका बच्चा डे केयर में सहज व्यवहार नहीं कर रहा है और वो खुश नहीं है इस तरह की स्तिथि में आपको डे केयर में बात करना चाहिये और वहां जाकर देखना चाहिए |

क्या आपका बच्चा सहज है?:

जब बात आपके बच्चे को डे केयर में रखने की हो यह एक अहम सवाल है। बच्चे में कुछ लक्षणों की पहचान कर आप उसकी असहजता को जान सकती हैं। डे-केयर से बच्चे को लाने पर अगर वह रोने लगे, मां को घर पर भी खुद से अलग न होने दे, वह वहां मौजूद किसी सदस्य से डरता है और इसलिए अपनी निजी जरूरतों को खुलकर नहीं बोल पा रहा हो । इसके अलावा अगर डे-केयर का स्टाफ बात-बात पर शिकायत करता रहता है तो भी आपका बच्चा वहां सहज नहीं है ।

एक अच्छा डेकेयर आपके बच्चे के समग्र विकास को बढ़ावा दे सकता है, जहा बच्चे को उसकी रूचि खोजने और उसके बौद्धिक, शारीरिक विकास में मदद कर सकता है जैसे यू सी किन्दिस इंटरनेशनल प्रीस्कूल जहा सारी मुलभुत सुविधाओं को ध्यान में रखकर डेकेयर विकल्प दे रहा है जहाँ बच्चो के समग्र विकास पर ध्यान दिया जाता है, और आगे की चुनौतियों के लिए बच्चे को तैयार कर सकता है।

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